आज के बदले हुए एल्गोरिदम में क्या वाकई पुराने टिप्स काम आते हैं?
By Dr. Taruna S Gaur, Media Analyst
यूट्यूब क्रिएटर बनने का सपना आज हर तीसरा युवा देख रहा है। लेकिन लाख मेहनत करने के बावजूद वीडियो वायरल नहीं हो पा रहे — तो क्या YouTube का एल्गोरिदम बदल गया है? क्या पहले दिए जाने वाले टिप्स अब भी उतने ही असरदार हैं? और सबसे जरूरी — आज के समय में वीडियो को वायरल करने के असली तरीक़े क्या हैं?
इस आर्टिकल में जानते हैं आज के YouTube एल्गोरिदम की सच्चाई और व्यूज़ बढ़ाने के प्रमाणिक रास्ते।
पहले क्या होता था?
कुछ साल पहले तक YouTube वीडियो को सर्च टैग्स, टाइटल और डिस्क्रिप्शन के आधार पर रैंक करता था। अच्छे टैग्स और कीवर्ड वाले वीडियो आसानी से सर्च लिस्ट में आ जाते थे। थंबनेल और टाइटल पर जोर दिया जाता था, भले ही वो कुछ हद तक “क्लिकबैट” ही क्यों न हों।
अब एल्गोरिदम बदल चुका है
2024-25 के अपडेट के बाद YouTube ने अपने एल्गोरिदम में बड़ा बदलाव किया है। अब केवल टैग्स और टाइटल से कोई वीडियो ट्रेंड में नहीं आता।
YouTube अब तीन बातों को सबसे ज्यादा महत्व देता है:
- CTR (Click Through Rate) – लोग टाइटल और थंबनेल देखकर कितनी बार वीडियो पर क्लिक कर रहे हैं।
- Watch Time & Retention – लोग वीडियो कितनी देर तक देख रहे हैं।
- Engagement – लाइक्स, कमेंट्स, शेयर और सब्सक्राइब जैसे इंटरेक्शन।
मतलब अब सिर्फ “क्लिक करवा लेना” काफी नहीं है। अगर लोग वीडियो जल्दी छोड़ दें, तो एल्गोरिदम उसे “भ्रामक” मानकर डाउनरैंक कर देता है। इसे Revenge Watch-Time कहा जाता है।
वायरल करने के आज के सटीक टिप्स
1. सटीक टाइटल दें, लेकिन क्लिकबैट न करें
टाइटल में कीवर्ड ज़रूर हों, लेकिन दर्शक को धोखा देने वाले वाक्य या भ्रामक तस्वीरें न डालें।
2. थंबनेल साफ और आकर्षक बनाएं
चेहरे के इमोशन, बड़े टेक्स्ट और कंट्रास्ट कलर वाले थंबनेल अब भी ज्यादा क्लिक लाते हैं।
3. वीडियो की पहली 10 सेकंड दमदार बनाएं
क्योंकि यही तय करता है कि दर्शक रुकेगा या छोड़ देगा। इसीलिए पहले ही बोलें –
“वीडियो को आखिर तक देखिए, सबसे जरूरी बात अंत में है।”
4. टैग्स को सही लेकिन सीमित रखें
आजकल टैग्स सिर्फ गलत वर्तनी से सर्च में मदद करते हैं। ज़रूरत से ज्यादा टैग्स भरने से कोई फायदा नहीं।
5. ऑडियंस के लिए बनाएं, एल्गोरिदम के लिए नहीं
जो वीडियो लोगों को value देगा, वही खुद-ब-खुद ज्यादा लोगों तक पहुंचेगा।
निष्कर्ष:
YouTube का एल्गोरिदम आज “मानव व्यवहार” पर आधारित है — सिर्फ टेक्स्ट या टैग नहीं, बल्कि वीडियो की क्वालिटी, ईमानदारी, और engagement मायने रखती है। जो क्रिएटर सच दिखाते हैं और दर्शकों के साथ भरोसे का रिश्ता बनाते हैं, वही लंबी रेस में चलते हैं।
अब सवाल ये नहीं कि वीडियो वायरल कैसे करें, बल्कि ये है — क्या आपका वीडियो वाकई वायरल होने लायक है?
अगर आप क्रिएटर हैं और YouTube पर अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो सतत सुधार, दर्शक को समझना और ट्रेंड को अपनाना ही आपकी असली ताकत है।
(इस आर्टिकल का कॉपीराइट Lead India के नाम सुरक्षित है। इसे अनुमति से किसी भी क्रिएटर गाइड, ब्लॉग या वीडियो स्क्रिप्ट में उपयोग किया जा सकता है।)