अखबार की पारम्परिक आय के केवल तीन स्रोत होते हैं, एक सरकारी विज्ञापन और निजि क्षेत्र के विज्ञापन तथा ऑनलाइन एडवर्टाइज़मेंट। सरकारी विज्ञापन लेने के लिये डीएवीपी इम्पैनलमेंट करवाना अनिवार्य होता है।
- डीएवीपी के लिये फरवरी और अगस्त साल में दो बार कर सकते हैं आवेदन
- आरएनआई (हर वर्ष मई में) में वार्षिक ब्यौरा देना है अनिवार्य
- क्लॉज़ 8 के कारण रिजेक्ट किये जाते हैं
वर्ष में दो बार देश भर से सैकड़ो अखबार डीएवीपी के लिये आवेदन भरते हैं लेकिन उनके अखबार को बार-बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ता है। उनमें ज्यादातर अखबार क्लॉज़ 8 के कारण रिजेक्ट किये जाते हैं। यदि हम क्लॉज़-8 का पालन करके अपने अखबार का डीएवीपी आवेदन दें तो उनका अखबार नि:श्चित ही सूचिबद्ध हो जाएगा। यहां हम विस्तार से बता रहें हैं कि क्लॉज़-8 क्या है।
क़्या है क्लॉज़-8:
1- समाचार स्रोत की जानकारी: ज्यादातर अखबार अपने समाचारपत्रों में समाचार का स्रोत नहीं देते जबकि यह डीएवीपी के लिये अनिवार्य शर्त है। अत: समाचार देते वक्त आप इसमें समाचार एजेंसी तथा संवाददाता का नाम मेंशन करें।
2- पुनरावृत्ति (रिपिटेशन): इसमें अन्य अंको से समाचार सामग्री अथवा लेखों की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। ज्यादातर साप्ताहिक, पाक्षिक अथवा मासिक पत्र/पत्रिकाओं में समाचार/लेख की पुनरावृत्ति देखी जाती है। अत: एक ही लेख को फिलर के लिये बार-बार प्रकाशित ना करें।
3- रिप्रोडक्शन, अन्य समाचारपत्र/पत्रिकाओं से ना ले लेख: इसमें अन्य पत्र- पत्रिकाओं से लिये समाचार सामग्री अथवा लेखों की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। कई बार देखने में आता है कि किसी दैनिक या अन्य अखबार में छपे लेख अथवा खबर को हम अपने दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक या मासिक में ठीक वैसे ही छाप देते हैं जो डीएवीपी इम्पैनलमेंट में रिजेक्शन का कारण बनता है।
4- कॉपी/पेस्ट: मुद्रित सामग्री तथा फोटोग्राफ सुपाठ्य, स्वच्छ व स्पष्ट हो तथा धब्बे, दोहरी छपाई और काट-छांट से रहित होनी चाहिए।
5- स्मगी फोटो/पूअर प्रिंटिंग: कई बार जगह भरने के लिये पेज मेकिंग करने वाले ऑपरेटर छोटे फोटो को फैलाकर स्पेस भरने की कोशिश करते हैं, जिसके कारण फोटो प्रिंटिंग में खराब हो जाता है। अत: हमेशा फोटो हाई रिजोल्युशन का लें। पूअर प्रिंटिंग में ज्यादा योगदान डिजाइनिंग का होता है यदि हम पेज मेकिंग के समय डिजाइनिंग और पर्फेक्शन पर ध्यान रखें तो सस्ते कागज पर भी सही आउटपुट लिया जा सकता है। हमें ध्यान रखना होगा कि प्रिंट के लिये लिया गया कागज सीला हुआ यानि नमी खाया हुआ ना हो, क्योंकि इस कारण भी प्रिंटिंग खराब आती है।
डीएवीपी में जब अखबार सूचिबद्धता के लिये आवेदन देतें है तब एक कमिटी जिसमें भाषा विद्वान, विषय विषेशज्ञ आदि शामिल होते हैं वो रिपिटेशन, रिप्रोडक्शन, और क़ॉपी पेस्ट जैसे आधार देख कर एक सूची बनाते हैं और वो सूची पीएसी को सौंपते हैं। पीएसी अपने विवेकाधिकार से अखबारों को सूचिबद्ध करने के लिये संस्तुति करती है।
ध्यान रखें ये बातें भी
1- इसके मुखपत्र पर समाचारपत्र का शीर्षक (मास्टहैड) और प्रकाशन का स्थान, तिथि तथा दिन मुद्रित होना चाहिए, इसमें भारतीय समाचारपत्रों के पंजीयक के कार्यालय की पंजीकरण संख्या, खण्ड एवं अंक संख्या, पृष्ठों की संख्या तथा समाचारपत्र-पत्रिका का मूल्य भी प्रिंट होना चाहिए।
2- समाचारपत्र में प्रेस एवं पुस्तक पंजीकरण अधिनियम के अंतर्गत प्रिंट लाइन मुद्रित होनी चाहिए। अन्दर के पृष्ठों में पृष्ठ संख्या, पृष्ठ शीर्षक तथा प्रकाशन तिथि प्रिंट होनी चाहिए। अनेक संस्करणों वाले समाचारपत्रों के लिए प्रकाशन का स्थान भी अन्दर के पृष्ठों में छपा होना चाहिए।
3- सभी प्रकाशनों में संपादकीय मुद्रित होना चाहिए।
4- पैनलबद्ध होने के लिए वांछित विवरण जैसे समाचारपत्र का आकार, भाषा, आवधिकता, प्रिंट ऐरिया तथा प्रिंटिंग प्रेस आदि का ब्यौरा भी दिया जाना चाहिए।
5- ई:पेपर- डीएवीपी विभिन्न स्तरों पर अखबार की विश्वसनीयता और उसकी नियमितता को जांचती है जिन अखबारों का अपना वेबपोर्टल होता है और वो नियमित रूप से उस पर ई-पेपर डालते है व अपडेट होते हैं उनके इम्पैनल होने के चांसेज कई गुना ज्यादा हो जाते हैं।
6- प्रत्येक वर्ष आरएनआई में एनुअल स्टेटमेंट अवश्य दाखिल करें। अब यह आरएनआई की वेबसाइट पर केवल ऑनलाइन फाइल होता है। प्रत्येक वर्ष आरएनआई में अप्रैल से लेकर मई तक ई-फाइलिंग की जाती है। ऑंनलाइन एनुअल स्टेटमेंट फाइल करने के बाद उसकी सॉफ्ट कॉपी अपने कम्प्यूटर में सुरक्षित रखें। डीएवीपी में सूचीबद्धता हेतु आवेदन के लिये यह एक अनिवार्य दस्तावेज है। अधिक जानकारी के लिये आप हमारे हेल्पलाइन नम्बर 9899744568 पर काल कर सकते हैं।
प्रिंट एरिया
डीएवीपी सूचीबद्धता के लिये प्रिंट एरिया भी एक अनिवार्य शर्त है। किसी भी समाचारपत्र अथवा जर्नल के लिये निर्धारित प्रिंट ऐरिया निम्नलिखित होना चाहिये अन्यथा आपका समाचारपत्र अथवा जर्नल पैनल होने की प्रक्रिया से बाहर हो जाएगा।
PERIODICITY PRINT AREA NOT LESS THAN
Dailies 7600 Sq. Cms.
Weeklies/ Fortnightly 3500 Sq. Cms.
Monthlies 4800 Sq.Cms.
Follow Clause-8 of DAVP to get empanel in DAVP
DAVP invites application for the empanelment of Newspaper twice in a year ie., February and august . Every year Publishers from all over India applies to get empanelled with DAVP for government advertisement. But mostly Publications have to face rejection. The main cause of Rejection of application is Clause 8 of DAVP advertisement policy 2016. If you follow the clause 8 of DAVP advt. Policy, than you can get empanelment in DAVP easily.
Know what is Clause-8 says
(ii). It should comply with the provisions of the Press & Registration of Books Act, 1867.
(iii). It should not have been disqualified by DAVP in the last six years and should not be a defaulter of DAVP.
(iv). The period of disqualification should not exceed six years.
v). It should not have been unestablished by RNI at the time of applying.
(vi). The applicant should also furnish a copy of the Certificate of Registration issued by the RNI in the name of the publisher.
(vii). The details of the paper like size, language, periodicity, print area and details of printing press etc. as asked for in empanelment form may be given.
(viii). Further, it must be substantiated that the paper is being published at a reasonable standard. Reasonable standard, inter alia, means that:
Must be careful about
Smudgy Photograph/Poor Printing: The Print matter and photographs should be legible, neat, clear and without smudges, overwriting, and tampering.
Repetition of News/Article: There should be no repetition of news items, editorials and articles from other issues of the same publication.
Reproduction of News/Article: There should be no reproduction of news items, editorials and articles from other newspapers/journals and the source of news/articles should be mentioned.
Print Line: Masthead on its front page should carry the title of the newspaper, place, date and day of publication; it should also carry RNI Registration Number, volume & issue number, number of pages and price of newspaper/journals;
Imprint Line: The newspaper should carry imprint line as required under PRB Act; and
Page Layout: Inner pages must carry page number, title of the paper and date of publication. For multi-editions place of publication must be mentioned in inner pages also.
Editorial: All the publications must carry editorial.
Documents required for DAVP empanelment/ rate renewal.
- Copy of RNI Registration Certificate.
- Circulation Certificate as per policy.
- Copy of the annual return submitted to RNI along with receiving proof.
- Specimen copies to be submitted with the application: DAVP would notify the months for which the specimen copies should be submitted along with the application.
- Three copies of the rate card.
- Photocopy of the Permanent Account Number (issued by Department of IncomeTax.)
- No dues certificate from the Press Council of India
- Publications with annual turnover of more than Rs1 Crore (or as applicable under the Income Tax Act from time to time) shall have to submit their Statutory audit reports and Income Tax returns along with receiving proof for the latest financial year.
- Annexure -12 (In original)- A statement signed both by the publisher and CA with their official seals giving the details of newsprint and ink stored and consumed during the period.