देश भर से हमें DAVP स्कैम पर प्रतिक्रियाएं मिल रहीं हैं। जहां कई अखबारों ने इस घोटाले को प्रमुखता से छापा है वहीं कुछ समाचारपत्र और पत्रिकाएं DAVP स्कैम के खिलाफ खड़े होने की इच्छा रखने के बावजूद भी इस खुलासे को अपने अखबार में प्रकाशित करने से बच रहें हैं। जो समाचारपत्र और पत्रिकाएं DAVP में इम्पैनल्ड हैं उनका मानना है कि यदि वो इसे प्रकाशित करेंगे तो उन्हें मिलने वाले थोड़े बहुत विज्ञापन भी बन्द हो जाएंगे।.
वहीं दूसरी ओर एक बड़ा भाग ऐसे समाचारपत्र और पत्रिकाओं का भी है जिन्होंने अगस्त में DAVP में सूचिबद्धता के लिये आवेदन किया हुआ है, ऐसे अखबार भी डीएवीपी घोटाले पर चुप रहना चाहते हैं। “लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन” ऐसे सभी समाचारपत्र व पत्रिकाओं और अपने सभी सदस्यों को आश्वस्त करना चाहती है कि यदि विज्ञापन घोटाले के खुलासे के बाद उनके अखबार को वर्तमान में जितना विज्ञापन मिलता है उससे कम विज्ञापन दिया गया या किसी अखबार का आवेदन सभी प्रक्रिया सही होने के बाद रद्द किया गया तो एसोसिएशन उनकी लड़ाई प्रमुख रूप से खुद लड़ेगी। “लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन” आप को आश्वस्त करना चाहती है कि आप निर्भीक हो कर इस घोटाले को अपने समाचारपत्र और पत्रिका में प्रकाशित करें यह सभी अखबार प्रधानमंत्री कार्यालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से लेकर सभी मीडिया विभागों और यदि जरूरत हुई तो न्यायाल तक में भेजे जाएंगे।