युद्ध की रिपोर्टिंग के चलते बंद हो रहे बड़े-बड़े न्यूज़ चैनल, जानिए क्या है MIB कि गाइड लाइन

भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध तो टल गया लेकिन ये तनाव का समय है, ऐसे में हर कोई भारत पाक के बीच चल रहे, गोलाबारी, का अपडेट सबसे पहले देना चाहता है। लेकिन कई चैनल्स को गलत रिपोर्टिंग करने पर MIB को नोटिस जारी करना पड़ा। हम आपको कुछ सुझाव देंगे जो युद्द या युद्ध जैसे हालत के बीच रिपोर्टिंग और प्रेसेंटिंग करने में सहायक होंगे क्योंकि गलत रिपोर्टिंग के कारण कई चैनल और साईट बंद हो गए हैं। 

एक बेहद फेमस वेब साईट थी “द वायर” बंद हो गई है, कई बड़े न्यूज़ चैनल्स को डर सताने लगा है कि उनके चैनल भी बंद हो सकते हैं इसलिए उन्होंने अपने स्टेंडबाय चैनल खोल लिए हैं।

रविश कुमार – रविश कुमार नई सड़क –

अभिसार शर्मा – अभिसार न्यूज़ खोल लिया है

इनको डर क्यों सता रहा है कहा नहीं जा सकता क्योंकि ये सरकार की अतिवादी आलोचना करते रहे, मीडिया को गोदी मीडिया कहते रहे। लेकिन  इनकी बात पूरी तरह झूठ भी नही है। कुछ हद तक मीडिया में खासतौर से इलेक्ट्रोनिक मीडिया की खबरों में सरकार के प्रति अधिक झुकाव दिखता है।

लेकिन नोटिस की वजह रही स्ततरहीन मीडिया प्रेसेंटेशन। तनाव की कवरेज में हद तो 6-7 मई को हुई जब एक बड़ा चैनल युद्ध के सायरन बजा बजा कर ब्रेकिंग न्यूज़ देने लगा।  जबकि उस समय सायरन और मौकड्रिल की बात हो रही थी, दर्शक कन्फ्यूज़ हो गए, युद्ध छिड़ गया है क्या? बड़ा हमला हो गया है क्या?

कई लोगों ने शिकायत की कि उनकी तबियत ख़राब हो गयी,  सर दर्द हो गया ऐसी रिपोर्टिंग देख कर। एक चैनल ने हैड लाइन लगा दी, इस्लामाबाद पर हिंदुस्तान का कब्ज़ा, आसिफ मुनीर गिरफ्तार।

बस किसी तरह दर्शकों को घसीट लाओ, अन्दर हेडिंग से उलटी खबर चलाओ, MIB रोज डिजिटल मीडिया और रजिस्टर्ड मीडिया के न्यूज़ चैनल को नोटिस भेज रहा है, और रक्षा मंत्रालय ने 9 मई को मीडिया कवरेज के लिए गाइड लाइन जारी की , हालांकि PCI में पहले से ही मीडिया के लिए गाइड लाइन्स बनी हुयीं हैं। आइये जानते हैं क्या हैं MIB और भारतीय प्रेस परिषद की वो गाइड लाइन्स –    

सूचना प्रसारण मंत्रालय की गाइड लाइन्स  

1 सरकारी और सैन्य स्रोतों से पुष्टि करना

  • केवल अधिकृत और भरोसेमंद स्रोतों से ही सूचना लें।
  • सेना या रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयानों को प्राथमिकता दें।
  • ओथोरिज्ड सोशल मीडिया-  हैंडल कि खबरों को हो ब्रेक या एनालाइज़ करें भ्रामक या उत्तेजक रिपोर्टिंग से बचें
  • केवल फैक्ट दिखाएँ – ना कि ऐसे हेडिंग –  इस्लामाबाद पर कब्जा, पाकिस्तान कांपने लगा, पूरा पाकिस्तान तबाह –खंडर हो गया पाकिस्तान|

2 नो लाइव कवरेज – अगर आप सीमावर्ती शहरों में हैं तो सेना की मूवमेंट या फिर अटैक और रिस्पोंस की लाइव कवरेज न दिखाएँ mib ने अपनी जरी नोटिस में कहा है कि सूत्रों के आधार पर दी गई संवेदनशील सूचनाओं से मिलिट्री ऑपरेशन खतरे में पड़ सकते हैं

 3 राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देना

  • ऐसा कुछ भी न छापा या ब्रोडकास्ट किया जाए जिससे देश की सुरक्षा को खतरा हो।
  • उकसावे वाली भाषा, जातीय या धार्मिक तनाव को बढ़ाने वाली बातें न लिखें।

प्रेस परिषद की गाइडलाइन्स

1 संवेदनशील तस्वीरों और विडियो से परहेज

  • मृत सैनिकों या नागरिकों की अशोभनीय तस्वीरें न दिखाएं।
  • पीड़ितों की निजता का सम्मान करें।

2. भाषा का सावधानी से प्रयोग
युद्ध या हमले को “मुक्ति संग्राम”, “जिहाद” या “पवित्र युद्ध” जैसे भावनात्मक शब्दों से संबोधित करने से बचें।

3. शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना

  • ऐसा कंटेंट न प्रकाशित करें जिससे शत्रुता, घृणा या हिंसा को बढ़ावा मिले।
  • रिपोर्टिंग में संयम और विवेक बनाए रखें।