न्यूज़ ऑफ द वीक: मुज्जफरनगर के दंगा पीडितों की सुध ली खिलाफत बुलेटिन ने

लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन” के दफ्तर में हर रोज़ देश भर से अखबार आते हैं। लीपा अब से हर रोज़ एक क्षेत्रिय अखबार की खबर को “न्यूज़पेपर ऑफ द डे” बनाकर अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर प्रकाशित करेगी। क्षेत्रिय स्तर पर  अच्छा काम करने वाले समाचारपत्रों को उत्साहित करने का यह एक प्रयास है। “लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन” की साइट विश्व स्तर पर देखी जाती है। इस तरह यह कोशिश क्षेत्रिय समाचारपत्र को ना सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान  देगी बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें पहचान भी देगी।

 दंगो पर राजनीति इस देश मे नई बात नहीं है। साम्प्रदायिक हिंसा कहीं भी हो मरता आम आदमी है। हिंसा के दो चार रोज निकल जाने के बाद वहां जिन्दगी बरसों रोती रहती है लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं होता। मुजफ्फरनगर में  केन्द्र और राज्य सरकार की संवेदनहीनता के बाद अभी 10 हजार लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं।

 दंगा पीडितों की खबर अब बड़े अखबार या मीडिया में कहीं दिखाई नहीं दे रही लेकिन ऐस अति संवेदनशील मुद्दे की हकीकत से खिलाफत टाइम्स ने रूबरू कराया है। दंगो के 5 महीने बाद भी लोग बेघर हैं।

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Read 39743 times Last modified on Tuesday, 24 January 2017 19:34