कल देर शाम डीएवीपी ने नई विज्ञापन नीति से सम्बन्धित मांगे गये दस्तावेज जमा करने की आखिरी तारीख 30 जून से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी है। साथियों ये हमारे प्रयासो की पहली सफलता है। राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुभाष सिंह की सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में हुई बातचीत के वक्त मंत्रालय ने लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन द्वारा नई विज्ञापन नीति के विरोध जताने पर नई नीति में संशोधन पर पुनर्विचार
के सकारात्मक संकेत दिये थे। वर्तमान में डीएवीपी ने नई विज्ञापन नीति से सम्बन्धित मांगे गये दस्तावेज जमा करने की अंतिम तारीख बढ़ा कर एक सकारात्मक संकेत दिया है।
लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन अपने सभी साथियो का आह्वान करती है कि यदि हमें एकजुटता से इस मुद्दे पर डटे रहना है। इस सम्बन्ध में लीपा ने अपना विरोध, क्षेत्रीय समाचारपत्रों की चिंताएं एवं उनकी बेहतरी के लिये विज्ञापन नीति की अपनी सिफारिशे भी प्रधानमंत्री महोदय को भेज दी हैं। परन्तु हमारा दायित्व यही खत्म नहीं हो जाता, जबतक इस समस्या का पूर्ण समाधान नहीं मिल जाता हम चैन से नहीं बैठने वाले।
विज्ञापन नीति बनाने वाले कुछ अधिकारी समझते है कि लघु व माध्यम समाचारपत्रों में कोई दम नहीं है और ये अखबार कभी छपते नहीं है। यदि स्थिति नहीं सुधरी तो सरकार के गलत नीतियों के खिलाफ लगातार ख़बरें छापकर हम यह बताने में सक्षम है कि हमारी ताकत क्या है और ऐसी खबरों का जनमानस पर कितना असर पड़ता है। हालाँकि सरकार के रुख को हम अभी सकरात्मक तरीके से ले रहे है यही वजह है अभी तक हमने प्रोटेस्ट करने के बजाय सरकार से सीधे सीधे बातचीत किया है। और आगे हमारी रणनीति क्या हो, विज्ञापन नीति में क्या परिवर्तन लाना चाहिए इसपर चर्चा करने के लिये लीपा ने 25 जून को एक बैठक बुलाई है जिसमे दिल्ली एनसीआर के प्रकाशकों से निवेदन है आप इस बैठक में आवश्य शामिल हों ताकि हम अगली रणनीति बना सकें|
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