आरएनआई ने वार्षिक विवरण (एनुअल स्टेटमेन्ट) भरने में तकनीकी दिक्कतों का सामने कर रहे प्रकाशकों की समस्या को देखते हुए एआर फाइलिंग की आखिरी तरीख बढ़ाई है। अब सभी प्रकाशक अपने समाचार पत्रों का वार्षिक विवरण 31 जुलाई 2019 तक ऑन लाइन जमा कर सकते हैं। यह आरएनआई के इतिहास में पहली बार है जब आरएनआई ने जून के बाद वार्षिक विवरण भरने का समय दिया है। इस तरह 15 अप्रैल से 31 जुलाई का समय वार्षिक विवरण भरने के लिये मिला है।
गौरतलब है कि 30 जून 2019 को वार्षिक विवरण भरने के लिये रजिस्ट्रेशन करने वाले समाचार पत्रों की संख्या 34 हजार थी उनमें से 32 हजार समाचार अपना वार्षिक विवरण भर पाये थे, जबकि 300 से अधिक ऐसे समाचार पत्र थे जो किसी ना किसी तकनीकी कारण से वार्षिक विवरण नहीं भर पा रहे थे। इस वर्ष इस वर्ष .आरएनआई के एनआइसी विभाग का प्रकाशकों को काफी सहयोग रहा, उसके बावजूद तकनीकी समस्या बनी रही। इस सम्बन्ध में लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन (लीपा) की महासचिव डाॅ तरूणा एस. गौड़ ने भी आरएनआई में हुई औपचारिक बैठक में आरएनआई को क्षेत्रीय समाचार पत्रों की तकनीकी समस्याओं से अवगत कराया था।
आरएनआई ने लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन (लीपा) द्वारा दी गई जानकारी और प्रकाशकों की समस्या को समझते हुए वार्षिक विवरण भरने की तारीख बढ़ाने का निर्णय किया। आरएनआई के तकनीकी विभाग ने प्रकाशकों की तकनीकी समस्याओं का का संज्ञान रखते हुए सूचना प्रसारण मंत्रालय को एआर सब्मिशन की तारीख बढ़ाने की सिफारिश की जो कि 30 जून 2019 को स्वीकार कर ली गई।
ज्ञात हो कि आरएनआई में वार्षिक विवरण भरना प्रकाशकों का अनिवार्य दायित्व है। इस बार आरएनआई ने अतिरिक्त समय देकर प्रकाशकों को अपना दायित्व निभाने में मदद की है। इसके बाद वार्षिक विवरण ना भरने वाले प्रकाशकों के प्रति आरएनआई सख्त होगी और समाचार पत्रों पर कार्रवाई होगी। अतः लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन (लीपा) अपने सभी सदस्यों और अन्य प्रकाशकों से वार्षिक विवरण समय पर भरने का सुझाव देती है।
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