It is to inform all the respected members and other publishers, that RNI has extended the last date of E-filing till 30th June 2017. On behalf of publishers Lead India Publishers Association’s General Secretary Ms. Taruna S. Gaur said thanks to RNI. Mr. Chaturvedi, NPCS official from RNI appreciated efforts of LIPA for making aware and helping publishers to file their Annual Statement. He also added to make publishers more vigilant on this issue.
Speaking on the title block question RNI says that it is mandatory. Publishers who are not giving annual statements about their title may attract title block trouble for their publication. It is mandatory for every publisher to file their annual statement to RNI under section 19 (D) of PRB Act 1867.
Lead India Publishers Association requests all the publishers who have filled their Annual statement to encourage their publisher friend to file their annual statement soon.
RNI ने लीपा को धन्यवाद कहा
लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन की जर्नल सेकेट्री तरूणा एस. गौड़ ने आरएनआई को ई-फालिंग की तारीख 30 जून तक करने के लिये धन्यवाद किया। RNI से NPCS के अधिकारी श्री चतुर्वेदी ने लीपा से कहा कि इस विषय पर प्रकाशको को और अधिक जागरूक किजिये। उन्होंने लीपा के प्रयासों की सराहना करते हुए धन्यवाद कहा।
टाइटिल ब्लॉक के विषय में RNI ने कहा हाँ यह सही है नियम के मुताबिक यदि अब अखबार या पत्रिकाएं अपना वार्षिक विवरण जमा नहीं कराएंगे तो ऐसे टाइटल को ब्लॉक किया जाएगा।
आदरणीय साथियों. एक अखबार या पत्रकार को लोग इस दृष्टि से देखते हैं कि वो नियमों का पक्का है जागरूक है। अपनी इस छवि को बनाकर रखना चाहिये ये हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। RNI में प्रति वर्ष एनुअल स्टेटमेंट जमा करना हर समाचारपत्र/पत्रिका/जरनल की ड्यूटी है। लीपा इस विषय में सभी को जागरूक करने के साथ-साथ इस कर्तव्य निर्वहन में सहायता भी प्रदान कर रही है।
लीपा एसएमएस और आर्टिकल के माध्यम से सभी प्रकाशकों को सूचित कर रही है कि पीआरबी एक्ट 1867 की धारा 19 (डी) के अंतर्गत एनुअल स्टेटमेंट भरना अनिवार्य है। कई प्रकाशक जिन्हे नए नियमों की जानकारी नहीं है वो लीपा की सेवा का लाभ उठा रहे हैं साथ ही लीपा की टीम को धन्यवाद कर रहे हैं परंतु कई प्रकाशको का कहना है कि ऐसा मेसेज कभी उन्हें आरएनआई से नहीं मिला, उन्होंने 4-5 साल या कभी अपना एनुअल स्टेटमेंट जमा नहीं किया। ऐसे अखबार मालिकों को हमारी सलाह है जल्द से जल्द इस कार्य को पूरा कर लें।
साथ ही ऐसे समाचार पत्रों जिन्होने अपना एनुअल स्टेटमेंट जमा कर दिया है से भी आग्रह है कि वो अपने अन्य साथियों को भी जागरूक करें।
Read 655 times Last modified on Thursday, 01 June 2017 16:29