नई दिल्ली।। केंद्र सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत काम करने वाले विज्ञापन दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) के द्वारा सौ करोड़ रूपयों से नेहरू गांधी परिवार (महात्मा गांधी नहीं) को महिमा मण्डित करने का प्रयास किया जा रहा है। विपक्ष भी इस मामले में अपनी मौन सहमति देकर शांत बैठा हुआ है। भारत निर्माण के तहत दो घंटे की एक सीडी तैयार करवाई जा रही है सौ करोड़ रूपए फूंककर।
डीएवीपी के सूत्रों ने बताया कि गीत एवं नाटक प्रभाग द्वारा बनाई गई इस सीडी में आजादी के उपरांत भारत गणराज्य के समग्र विकास का समूचा श्रेय नेहरू गांधी परिवार के वंशज जवाहर लाल नेहरू, उनकी पुत्री प्रियदर्शनी श्रीमति इंदिरा गांधी और उनके नवासे राजीव गांधी को दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि नेहरू गांधी परिवार को महिमा मण्डित करने के लिए इतिहास को जमकर तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है।
सीडी को देखकर लगने लगा है कि देश में 1947 के उपरांत महज तीन ही प्रधानमंत्री हुए हैं। इस सीडी में भाजपा के वजीरे आजम अटल बिहारी बाजपेयी और लाल बहादुर शास्त्री को महज तीन सेकंड दिए गए हैं। वृत्त चित्र में उनके नामों का भी उल्लेख नहीं किया गया है, महज उनके चित्र दिखाए गए हैं।
इस वृत्त चित्र में पूर्व प्रधानमंत्रियों विश्वनाथ प्रताप सिंह, पी.व्ही.नरसिंहराव, मोरारजी देसाई, इंद्र कुमार गुजराल, चौधरी चरण सिंह, चंद्रशेखर, एच.डी.देवगौड़ा आदि की पूरी तरह अनदेखी की गई है। इस डाक्यूमेंट्री में विकास और परिवर्तन का श्रेय नेहरू गांध्ी के वंशजों को दिया गया है। इसमें इंदिरा गांधी द्वारा रखी गई मजबूत बुनियाद पर राजीव गांधी ने आधुनिक भारत का निर्माण किया जाना दर्शाया गया है।
बताया जाता है कि कांग्रेस की राजमाता के इशारों पर बनी इस सौ करोड़ रूपए की सीडी के माध्यम से कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के लिए वजीरे आजम बनने के मार्ग प्रशस्त किए जा रहे हैं। अटल बिहारी बाजपेयी सहित गैर कांग्रेसी वजीरे आजम के बारे में जिकर न होना आश्चर्यजनक ही है। उससे अधिक आश्चर्य जनक तथ्य यह है कि इस मामले में विपक्ष पूरी तरह सन्निपात की स्थिति में है।