हर वर्ष भारतीय प्रेस परिषद सभी समाचार पत्रों से कुछ शुल्क लेती है। यह शुल्क सर्कुलेशन के आधार पर लिया जाता है। जिसमें 100 रूपये से लेकर 7500 रूपये तक का शुल्क लिया जा सकता है। ‘भारतीय प्रेस परिषद 1979 अधिनियम’ के नियम 16(2) के तहत शुल्क लेती है। भारतीय प्रेस परिषद 1979 अधिनियम’ के नियम 10 के अनुसार भारतीय प्रेस परिषद इस शुल्क में संशोधन भी कर सकती है।
इससे पूर्व यह जानना आवश्यक है कि कितने सर्कुलेशन पर भारतीय प्रेस परिषद द्वारा कितना शुल्क लगाया जाता है।
1,50,000 के ऊपर सर्कुलेशन पर शुल्क
- यदि किसी भी दैनिक समाचारपत्र का सर्कुलेशन 1,50,000 के ऊपर है तो उसे 7500 रूपये वार्षिक शुल्क देना होता है।
- प्रत्येक साप्ताहिक एवं सप्ताह में दो बार प्रकाशित होने वाले समाचारपत्र (पीरियोडिकल) और पत्रिकाओं को 4500 रूपये वार्षिक शुल्क देना होता है।
- इसी तरह मासिक एवं पाक्षिक समाचारपत्र और पत्रिकाओं को 3500 रूपये वार्षिक शुल्क देना होता है।
- इसके अलावा अन्य किसी श्रेणी में आने वाले पिरियोडिकल या पत्रिका को 2250 रूपये वार्षिक शुल्क देना देना होता है।
1,00,000 और 1,50,000 के ऊपर सर्कुलेशन पर शुल्क
- प्रत्येक दैनिक समाचार पत्र को 1,00,000 और 1,50,000 के ऊपर सर्कुलेशन पर 5250 शुल्क देना होता है।
- प्रत्येक साप्ताहिक एवं सप्ताह में दो बार प्रकाशित होने वाले समाचारपत्र और पत्रिकाओं को 3000 रूपये वार्षिक शुल्क देना होता है।
- इसी तरह मासिक एवं पाक्षिक समाचारपत्र या पत्रिका को 2250 रूपये वार्षिक शुल्क देना होता है।
- इसके अलावा अन्य किसी श्रेणी में आने वाले पिरियोडिकल या पत्रिका को 1500 रूपये वार्षिक शुल्क देना होता है।
50,000 और 1,00,000 तक के सर्कुलेशन पर शुल्क
- प्रत्येक दैनिक समाचार पत्र को 50,000 और 1,00,000 तक के सर्कुलेशन पर 3750 शुल्क देना होता है।
- प्रत्येक साप्ताहिक एवं सप्ताह में दो बार प्रकाशित होने वाले समाचारपत्र और पत्रिकाओं को 2550 रूपये वार्षिक शुल्क देना होता है।
- इसी तरह मासिक एवं पाक्षिक समाचारपत्र या पत्रिका को 1500 रूपये वार्षिक शुल्क देना होता है।
- इसके अलावा अन्य किसी श्रेणी में आने वाले पिरियोडिकल या पत्रिका को 1125 रूपये वार्षिक शुल्क देना होता है।
15,000 और 50,000 तक के सर्कुलेशन पर शुल्क
- प्रत्येक दैनिक समाचार पत्र को 15,000 और 50,000 तक के सर्कुलेशन पर 1500 शुल्क देना होता है।
- प्रत्येक साप्ताहिक एवं सप्ताह में दो बार प्रकाशित होने वाले समाचारपत्र और पत्रिकाओं को 900 रूपये वार्षिक शुल्क देना होता है।
- इसी तरह मासिक एवं पाक्षिक समाचारपत्र या पत्रिका को 600 रूपये वार्षिक शुल्क देना होता है।
- इसके अलावा अन्य किसी श्रेणी में आने वाले पिरियोडिकल या पत्रिका को 450 रूपये वार्षिक शुल्क देना होता है।
5000 और 15,000 तक के सर्कुलेशन पर शुल्क
- प्रत्येक दैनिक समाचार पत्र को 5000 और 15,000तक के सर्कुलेशन पर 200 शुल्क देना होता है।
- प्रत्येक साप्ताहिक एवं सप्ताह में दो बार प्रकाशित होने वाले समाचारपत्र और पत्रिकाओं को 150 रूपये वार्षिक शुल्क देना होता है।
- इसी तरह मासिक एवं पाक्षिक समाचारपत्र या पत्रिका को 100 रूपये वार्षिक शुल्क देना होता है।
- इसके अलावा अन्य किसी श्रेणी में आने वाले पिरियोडिकल या पत्रिका को 100 रूपये वार्षिक शुल्क देना होता है।
समाचार एजेंसी से प्रतिवर्ष लिया जाने वाला शुल्क
- दैनिक समाचारपत्रों के लिए सेवाएं देने वाली एजेंसी से 7500 प्रतिवर्ष शुल्क लिया जाता है।
- द्वितीय श्रेणी समाचार एजेंसी से प्रतिवर्ष 5250 शुल्क लिया जाता है।
- अन्य सभी समाचार एजेंसियों से प्रतिवर्ष 3750.
क्या है भारतीय प्रेस परिषद
भारतीय प्रेस परिषद का गठन 1966 में ‘प्रथम प्रेस कमीशन’ की सिफारिशों के आधार पर भारतीय संसद द्वारा किया गया था। इसका गठन इसलिए किया गया था ताकि भारत में चलने वाले समाचारपत्रों और पत्रिकाओं की स्वतंत्रता को बनाए रखा जा सके साथ ही उनकी दशा और दिशा में सुधार के लिए कार्य किया जा सके। भारतीय प्रेस परिषद अधिनियम 1978 के अंतर्गत एक वैधानिक एवं अर्ध न्यायिक निकाय है जो प्रेस के एक प्रहरी के रूप में कार्य करता है।
इसके अलावा भारतीय प्रेस परिषद में किसी समाचार पत्र और पत्रिका द्वारा पत्रकारिता के नैतिक मूल्यों का उल्लंघन करने के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई जा सकती है। यह शिकायत किसी भी व्यक्ति, सामाजिक समूह या गैर सरकारी संगठन द्वारा दर्ज कराई जा सकती है।
प्रेस परिषद में सदस्यो की संख्या 28 होती है। 28 सदस्यों के अलावा एक अध्यक्ष होता है। पूर्व स्थापित परंपरा के अनुसार भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के रिटार्यड जज ही हो सकते हैं। 28 में से 20 सदस्य प्रेस के प्रतिनिधि होते हैं। इन सदस्यों का मनोनयन समाचार पत्रों या प्रेस से जुड़ी एसोसिएशनों, समाचार एजेंसियों, अखबार के मालिकों और प्रबंधकों, संपादकों की श्रेणी से किया जाता है। इसके अलाव 5 सदस्य संसद के दोनों सदनों से एवं 3 सदस्य साहित्य और कानूनी क्षेत्र से शामिल किए जाते हैं। एक परिषद का कार्यकाल 3 वर्ष के लिए निर्धारित होता है।
भारतीय प्रेस परिषद भारत में सभी पंजीकृत समाचारपत्र और पत्रिकाओं से वार्षिक शुल्क लेती है। भारतीय प्रेस परिषद द्वारा यह शुल्क उन्ही समाचारपत्रों एवं पत्रिकाओं से लिया जाता है जिनका सर्कुलेशन 5 हजार से ज्यादा हो।
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