RNI: ईफालिंग की समस्या एवं समाधान के लिये लीपा की सपोर्ट

लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन के प्रयासों के बाद RNI  ने बहुत ही क्रांतिकारी कदम उठाते हुए एनुअल स्टेमेंट जमा करने के लिये ई-फाइलिंग की व्यवस्था की है। इस व्यवस्था के बाद देश के दूर इलाकों में अखबार चलाने वाले सभी पब्लिशर्स लाभांवित होंगे।

किसी संगठन के लिये एक डेडीकेटेड टीम का होना बहुत आवश्यक है। हमें आपको बताते हुए हर्ष हो रहा है

कि ई-फाइलिंग के दौरान आ रही समस्याओं को हल करने के लिये लीपा की टीम ने पूरा डेडिकेशन दिखाया है। इसी टीम की मेहनत के कारण लीपा प्रतिदिन 80 से 100 समाचारपत्र प्रकाशकों की ई-फाइलिंग में तकनीकी सहायता कर पा रही है।

ई-फाइलिंग के दौरान समाचारपत्र प्रकाशक कई तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं। जिनमें 4 प्रमुख हैं-

1- आरएनआई के सीआर के मुताबिक रजिस्ट्रेशन नम्बर डालने पर पब्लिशर्स का नाम नहीं आना

2- गलत डीटेल सबमिट करना 

3- सर्वर एरर,

4- एआर सबमिट करने के बाद प्रिंट आउट ब्लैंक आना

 इन चारों समस्याओं के लिये लीपा ने अपने स्तर पर आरएनआई में इस समस्या के समाधान की बात की। 

समाधान 

1- यदि सीआर (आरएनआई पर मौजूद रजिस्टर्ड टाइटिल) में पब्लिशर नेम नहीं है या कोई भी डीटेल मिसमैच है तो IPIN जेनेरेट करने के लिये रजिस्ट्रेशन नम्बर डालने पर पब्लिशर नेम डिस्प्ले नहीं होगा। इस समस्या के हल के लिये आपको efiling.rni@rni.nic.in पर समस्या का विवरण देते हुए मेल करना है साथ ही अपना आरएनआई सर्टिफिकेट स्कैन कर के अपलोड करना है। स्कैन सर्टिफिकेट के आधार पर आरएनआई की टैक्नीकल टीम सीआर पर डीटेल को मैच कर देगी। इसके बाद आप सीआर में अपनी डीटेल चेक करने के बाद फिर नये सिरे से एआर सबमिट कर सकते हैं।

2- चूंकि अभी ई-फाइलिंग में एडिट का कोई ऑप्शन नहीं है तो अत: आप गलत भरी जानकारी को एडिट नहीं कर पायेंगे। इस के सुधार के लिये प्रकाशक को आरएनआई में जाना होगा। 

3- प्रिंट आउट ब्लैंक आने का अर्थ है कि आपके एआर की ई-फाइलिंग नहीं हुई है। अत: आप इसे दुबारा ई-फाइल करें।

3- एआर के ऑनलाइन सबमिशन के लिये समय सीमा है यदि आप इसे भरने में अधिक देर करते हैं तो सर्वर एरर आ सकता है।

4- डीटेल को जल्दबाजी में भरने या इम्प्रोपर तरीके से भरने पर आपके ई-फाइलिंग का प्रिंट ब्लैंक आ सकता है। यदि ऐसी समस्या हो तो दुबारा सही तरीके से ई-फालिंग करें।

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