डीएवीपी ने नई विज्ञापन नीति की घोषणा की है, हमारा स्पष्ट रूप से मानना है कि यह विज्ञापन नीति पहले से ही आर्थिक संकट झेल रहे क्षेत्रीय/स्थानीय प्रकाशको के लिये घोर अहितकर है। इस विषय पर देश भर से लीपा अपने सदस्यो की राय ले रही है, तथा लीपा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को इस नीति के दुष्परिणाम से अवगत करा चुकी है। नई विज्ञापन नीति पर फिर से विचार करने का लीपा को आश्वासन मिला है,
तथा देश भर में काम कर रहे समाचारपत्र/पत्रिकाओं की राय मांगी गई है। आपसे अनुरोध है कि सभी सदस्य अपनी राय हमे अपने लेटरहैड पर लिख कर lipamember@gmail.com पर 22 तारीख से पहले जमा करें ताकि इस पर नीति सम्मत तथा क्षेत्रीय समाचारपत्र के हित में समाधान कराया जा सके।
आप ऐसे दें अपना साथ
नीचे दिए गये लेटर के फोर्मेट को अपने लेटरहेड पर प्रिंट करके यथाशीघ्र lipamember@gmail.com मेल करें..
प्रति,
श्री सुभाष सिंह
राष्ट्रीय अध्यक्ष
लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन (लीपा), नई दिल्ली
विषय – नई विज्ञापन नीति पर असहमति पत्र
मैं…………………………..प्रकाशक एवं सम्पादक………………………………….. नई विज्ञापन नीति से सहमति नहीं रखता हूं। इस नीति में लागू नियम क्षेत्रीय समाचारपत्रों के लिये घातक है। मैं अपने इस असहमति पत्र के माध्यम से अपनी असहमति दर्ज करता/करती हूं। तथा आपसे हमारे हित को मंत्रालय के समक्ष रखने की मांग करता/करती हूं।
धन्यवाद
नाम प्रकाशक/सम्पादक …………………………….
प्रकाशन …………………………….
आरएनआई न0 ……………………………
राज्य ……………………………..
मोबाईल न. …………………………….
आपका हस्ताक्षर …………………………………..